बीजेपी के चैलेन्ज पर तुरंत गुजरात के सरकारी स्कूल पहुंचे मनीष सिसोदिया

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

भावनगर : दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया सोमवार को गुजरात के शिक्षा मंत्री के गृह जिले भावनगर पहुंचे, जहां एक सरकारी स्कूल का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा कि स्कूल में छात्र छात्राओं के बैठने की व्यवस्था नहीं है तथा दीवारें भी जर्जर है। गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघाणी ने आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली की स्कूल को देखने आने के लिए दिए गये न्यौते का कोई जवाब नहीं दिया था लेकिन वाघाणी के एक बयान को लेकर उठे विवाद के बाद सिसोदिया तुरंत गुजरात की स्कूल देखने आ पहुंचे। आगामी गुजरात विधानसभा के चुनाव की तैयारी में लगी आम आदमी पार्टी राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बड़ा मुद्दा बनाना चाहती है इसलिए वह बार-बार राज्य सरकार को शिक्षा व्यवस्था और शिक्षा के स्तर पर बात करने की चुनौती देती है।

गुजरात सरकार ने भी राज्य में इस स्मार्ट एवं मॉडल स्कूल बनाने के लिए बजट का विशेष प्रावधान किया है लेकिन दिल्ली मॉडल जैसी स्कूल गुजरात में नहीं होने का डर भाजपा में भी साफ झलकता है। आम आदमी पार्टी इसी बात का लगातार फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद ट्वीट कर गुजरात सरकार को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास कर चुके हैं। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि 27 साल के शासन के बावजूद भाजपा गुजरात में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर नहीं कर सकी।

दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने गत दिनों गुजरात के शिक्षामंत्री जीतूभाई वाघाणी को दिल्ली की स्कूल देखने आने का न्यौता दिया था। वाघाणी दिल्ली तो नहीं गये लेकिन गुजरात में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने वालों को एक बयान में यह कह दिया कि गुजरात में पले बड़े हुए, यहां की स्कूल में पढ़े-लिखे अब यह अच्छा नहीं लगता है तो ऐसे अभिभावक अपने बच्चों के लिविंग सर्टिफिकेट लेकर किसी दूसरे राज्य या देश में चले जाएं जहां की शिक्षा उन्हें अच्छी लगती है। इस बयान पर चारों तरफ से घिरने के बाद वाघाणी ने अपने बयान को गुजरात की अस्मिता से जोड़कर कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया।

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली व पंजाब की तरह ही गुजरात में भी बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य तथा पानी व बिजली की बिल माफी जैसे वादों को लेकर माहौल बनाना शुरु कर दिया है। आप नेता शिक्षा व्यवस्था व पेपर लीक कांड को लेकर शिक्षामंत्री पर हमलावर थे जिससे परेशान होकर वाघाणी ने तल्ख बयान दिया लेकिन वह उल्टा पड़ गया। हालांकि उन्होंने बाद में पत्रकारों को बताया कि उनके कहने का आशय यह नहीं था उनके बयान को गलत अर्थ में समझा गया।

गुजरात के शिक्षामंत्री जीतूभाई वाघाणी ने गत 6 अप्रैल को राजकोट में एक स्कूल के उद्धाटन समारोह में राज्य की शिक्षा नीति की आलोचना करने वालों को पाकिस्तान प्रेमी बताते हुए कहा था कि जिन्हें राज्य की शिक्षाव्यवस्था अच्छी नहीं लगती ऐसे अभिभावक अपने बच्चों के स्कूल से लिविंग सर्टिफिकेट लेकर उन्हें पढ़ाने के लिए दूसरे देश या राज्य में जा सकते हैं। गौरतलब है कि बीते कुछ माह से राज्य की शिक्षा व्यवस्था व स्तर को लेकर सरकार की टीका टिप्पणी की जा रही है। दिल्ली व पंजाब के मुख्यमंत्रियों की हाल ही गुजरात यात्रा के बाद से आम आदमी पार्टी शिक्षा को मुद्दा बनाने के प्रयास में है। गौरतलब है कि कुछ समय पहले अवैध रूप से कनाडा से अमरीका में प्रवेश करते समय गुजरात के एक ही परिवार के चार लोगों की बर्फ में फंस जाने से हुई मौत की घटना के बाद तत्कालीन उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा था कि गुजरात में कैरियर के बेहतर मौके नहीं होने के कारण गुजरात के लोग अमरीका, ब्रिटेन आदि देशों में जाना पसंद करते हैं।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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